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Sunday, September 9, 2018

चार मोर्चो पर लड़े युद्ध, जीना इसी का नाम हैं

चार मोर्चो पर लड़े युद्ध, जीना इसी का नाम हैं  जानें 

जरुरत जब सहस से आगे बढ़ने की होती है, हम चिंताओं में ही घिरे रह जाते है। नतीजा ये होता है कीहम अपने सपनों से समझौता करने लगते है,जो बड़े बदलाव की वजह बन सकते थे।

 चार मोर्चो पर लड़े युद्ध, जीना इसी का नाम हैं


हमारी समझ में ये दुनिंया पूरी तरह कभी नहीं आती। कई बार लगता है की  मनो किसी जादूगर के इशारों पर ही चल रही हो। वो जादूगर चाँद-सितारों और हमारी धरती को अपनी मर्जी से चलता रहता है। हम सभी के दिन-रात सपनों की तरह चलते रहता है। हमारे सपने भी तीन तरह के होते है। ऐसे सपने, जिन्हे हम पूरा करना चाहते है और उनके दायरे से बहार नहीं निकल पाते है। ये सपने है-सुरक्षा का सपना,स्थितव का सपना और बिना किसी शर्त वाले प्रेम का सपना।

    उस जादूगर ने कुछ जादुई शक्तिया आपको भी सौंपी है, जिनके इस्तेमाल से आप अपने लिए एक पवित्र सपना रच सकते है। जिसमे धैर्य होगा और खुशहाली का समावेश होगा। अपने जीवन में कुछ मोर्चों पर लड़कर आप अपने लिए एक बेहतर सुनहरे कल का निर्माण कर सकते है। इतना ही नहीं आपकी जिंदगी में आया यह बदलाव दुसरो के सपनो को भी उड़ान देता है। आप जागेंगे और दुसरो की भी जागरूक करेंगे।

सत्य: पहला मोर्चा 

अपना सत्य बोले। यह पहला मोर्चा है जिसे जितना होगा, क्योकि कोई भी व्यक्ति सत्य बोलना नहीं चाहता 
   घबराएं नहीं की आप सत्य बोलेंगे या अपने सत्य के अनुसार अपना जीवन बिताएंगे तो आपके साथ कुछ बुरा होगा। आपको नुकसान केवल तभी होगा, जब आप सत्य नहीं जियेंगे। अपने सत्य को दुसरो के आगे पूरी आजादी के साथ शेयर करें। आपका सत्य आपका हृदय में है।  इस सत्य के लिए दुसरो के हृदय को न टटोलें। आपका सत्य रहस्मयी है।  स्पष्ट और सूक्षम है।  य;यह कहता है की आप धैर्य के साथ अपने कर्म करे और जब चीजें खतरनाख लगें तो बहादुरी दिखाए।  आपला सत्य कहता है की आप अती संवेदलशील के साथ नेतृत्व करें, अपनी कमजोरियों को पहचाने।

 चार मोर्चो पर लड़े युद्ध, जीना इसी का नाम हैं

    अपने बिना तराशे हीरे जैसे व्यक्तित्व को छुपाएं नहीं या उस पर सुपरमैन या सुपरवुमन का मुखौटा न लगाएं। आपका सत्य आपको आप जैसे है, वैसे ही पेश आने की इजाजत देता है। आप सत्य की ताकत को पहचानें। याद रखें यह शब्दों के साथ शुरू होता हैं। और बाद में यही शब्द अकार लेते हैं और बाद में यही शब्द आकर्षण का केंद्र बनते है। यही शब्द आकर लेते है और आपका सच बन जाते हैं। आपका दिमाग, दिल और आत्मा एक स्वर में एक सुर में एक ही बात बोले। सत्य की पहचान यही है की आप भयमुक्त होकर अपने सपनेो को पूरा करने की दिशा में बढ़े।



सौंदर्य :दूसरा मोर्च 

हर तरफ सौंदर्य को देखे। यह दूसरा मोर्चा है, क्योकि सौंदर्य को हमेशा के लिए संजो पाना हर किसी के वश की बात नहीं है। 
वक्त के साथ उसका स्वरूप बदलता रहता है। हर किसी के सौंदर्य का बोध करवाएं। लोगो से पूछे की क्यों यह हमेशा के लिए बरक़रार नहीं रह सकता। क्यों समय के साथ इसका लोप होना शुरू हो जाता है इतने आकर्षण के बाद भी इसका महत्व काम क्यों हैं।
 चार मोर्चो पर लड़े युद्ध, जीना इसी का नाम हैं

    जब आप सौंदर्य बोध हासिल करते है तो जीवन को खचो में कैद करके नहीं देखते। सौंदर्य समय सिमा से पड़े होता है। सौंदर्य में स्थायित्व, अंतराल और ठहराव की जरुरत होती है। कोई भी फल एक रत में नही उगा और पका सकते है सुंदरता को देखना कोई निष्क्रिय कर्म नहीं है। यह एक सशक्त और सक्रिय कार्य है। इस तरह से सौंदर्य को महसूस कर आप अपनी रचनात्मक में सौंदर्य का समावेश कर रहे है। जब आप सबसे ज़्यदा सुंदरता को तलासते है तो आप वास्तविकता में भी उसे समाहित करते है

प्रेम : तीसरा मोर्चा 

प्रेम इस ब्रह्मांड में सबसे सशक्त शक्ति है। हर चीज को ज्यादा से ज्यादा पाना है तो प्रेम को उन्मुक्त भाव से बांटे। ब्रह्माण्ड हर चीज़ को आइने की तरह वापिस भेजता है।  अगर आपका प्रेम का आदान-प्रदान बिना किसी शर्त का है तो आपको बिना किसी शर्त का प्रेम मिलेगा, जिसकी कोई सिमा नहीं होगी। बिना शर्त का प्रेम उन्मुक्त और प्रखर, ठहरा हुआ और प्रचंड होगा। यह कुछ अपेक्षा नहीं रखता है, लेकिंन उसे सब कुछ चाहिए होता है।  जो हमसे प्रेम करते है, उन्हें प्रेम करना आसान होता है। पर जब आप अनजाने, अपरिचितो को भी प्रेम करते है तो वो भी आपको निराश नहीं करते।  और ऐसे ही क्षणों में आप प्रेम की असल ताकत को समझ पाते हैं।

   तो कौन है जो आपके प्रेम के लायक नहीं है। ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो इतना घृणित है की आपका प्रेम वह नहीं प् सकता। लेकिन ऐसे व्यक्ति में कोई ऐसा बिंदु है, जिसे आप प्रेम कर सकते है।  इसे सिर्फ एक एक्सरसाइज की तरह ले। प्रेम अत्याचार को भी माफ नहीं करता है। यह हमें अपने उस दुखते हिस्से को फिर से  राहत देने का काम करता है प्रेम एक स्थिति है आप पेम में हो सकते है। और जब तक यह रहेगा आप आनंद में रहेंगे या फिर आप ही प्रेम बन  सकते है। लेकिन खुद प्रेम बन जाते है तो आप फौरन अलग होने या बिछुरने के दर्द को ठीक कर लेते है।  चाहे वह आपके सामने हो या आपसे कही दूर हो।


कर्म : चौथा मोर्चा 


मुक्त भाव से, बिना किसी लगाव या  लोक-परलोक में कोई पुरस्कार मिलेगा, यह सोचे बिना अपने कर्म करें। अगर अगर किसी को कुछ देना हो तो सबसे सच्चा तरीका यह होगा की उससे कुछ वापिस पाने की उम्मीद न की जाये। आप अपनी जरुरत या श्रेय को छोड़ कर कुछ भी काम करें, तो वह बेहतर होगा। पुरस्कार या बदले में किसी छोटी सी चीज को पाने की छोटी सी उम्मीद भी आपके प्रेम के भाव को नस्ट कर डालेगी। यदि आप इस तरह का अनुभव हासिल कर लेते है तो अाप न केवल इस जीवन में शांति का अनुभव करेंगे,बल्कि अपने भावी यात्रा में भी शांति का अनुभव करेंगे। आप इस तरह की अप्रितम ताकत पाना चाहते है तो प्रकृति की ऊर्जा को समझना होगा। अपनी ऊर्जा को समझना होगा।जब आप यह जान लेंगे की आपके प्रकाश के बिच कोई अंतर नहीं है तो आप दृदय और अदृश्य विश्व में आजादी से भ्रमण कर सकेंगे।


   

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