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Thursday, August 23, 2018

HEALTH & BEAUTY शरीर को सुन्दर बनना चाहते है। तो करें ये योगसासन.....yoga tips for beautiful glowing skin

       HEALTH & BEAUTY शरीर को सुन्दर बनना चाहते है। तो करें ये योगसासन...

क्यों जरुरी है क्लींजिंग (Why Cleansing is Required?)

हमारा रहन-सहन, खान-पान, लाइफ स्टाइल सब कुछ बदल गया है | ऐसे में यदि थकान, कमजोरी, बदनदर्द, तनाव, लो एनर्जी महसूस होने लगे, तो कोई हैरत की बात नहीं है |
ये तमाम लक्षण इशारा करते हैं कि शरीर को क्लीजिंग यानी डीटॉक्सिफिकेशन की ज़रूरत है | डायट के साथ-साथ ये योगासन किए जाएं तो मन की शांति, स्फूर्ति और एनर्जी को दोबारा पाकर हेल्दी और ब्यूटीफुल बना जा सकता है |


क्लींजिंग के लिए योगासन


सुखासन
HEALTH & BEAUTY शरीर को सुन्दर बनना चाहते है। तो करें ये योगसासन..



1. पैरों को मोड़कर पालथी मारकर इस तरह से बैठे कि घुटने के ज्वाइंट्स नितंबों की ऊंचाई के बराबर लगें |
2. पीठ सीधी व पेट अंदर की तरफ़ रखें |
3. दोनों हाथों को घुटनों पर रखें | थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें |
सावधानी: जिन लोगों ने हिप रिप्लेसमेंट करवाया है या जिनकी लोअर बैक, घुटने या पिंडलियों में दर्द रहता है, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए |
फ़ायदेः इस आसन को करने से नितंब मज़बूत होते हैं | बैक स्ट्रेट रहती है और पोश्चर ठीक रहता है | यह आसन शरीर व मन को तनावमुक्त रखता है |

अर्द्ध तिर्यका सुखासन 


1. सुखासन में बैठ जाएं और हथेलियों को ज़मीन पर रखें |
2. सांस लें | दाहिने हाथ को सीधे उपर की ओर उठाएं | उंगलियों को भी स्ट्रेच करें |
3. सांस रोकें | थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें |
4. सांस छोड़ें | इसी तरह बाएं हाथ को भी सीधे ऊपर की ओर उठाकर स्ट्रेच करें |
5. हाथों को ऊपर-नीचे लाते हुए थोड़ी देर सांस रोकें |
सावधानी: किसी बीमारी से पीड़ित हों या चोटग्रस्त हों, तो यह आसन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें |
फ़ायदेः कमर के लिए यह आसन बहुत लाभकारी है | इससे कमर में लचीलापन आता है और कंधों की ऐंठन दूर होती है |

अर्धमत्स्येंद्रासन 


1. ज़मीन पर दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं |
2. दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाईं जांघ के बाहरी ओर नितंब के पास ले जाएं |
3. बाएं हाथ को कोहनी से मोड़ते हुए दाहिने पैर के घुटने पर रखें |
4. दाहिने हाथ को जितना हो सके पीछे की ओर ले जाते हुए ज़मीन पर रखें |
5. लेकिन हाथ को मोड़े नहीं | कंधे, छाती और गर्दन को भी दाईं तरफ घुमाएं |
6. सांस लें और पेट की अंदर करें |
7. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें | सांस छोड़ें |
8. धीरे-धीरे पूर्व अवस्था में आ जाएं | दूसरी तरफ़ भी यही क्रिया दोहराएं |
सावधानी: घुटनों में अधिक दर्द व पेटदर्द से पीड़ित और हर्निया, बवासीर के मरीज़ व गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें |
फ़ायदेः इस आसन से एब्डॉमिनल ऑर्गन्स की मसाज होती है | रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है | नितंबों में मज़बूती आती है

वक्रासन 



1. ताड़ासन में खड़े हो जाएं |
2. बाएं पैर को घुटने के बल मोड़ते हुए (90 डिग्री का कोण बनाते हुए) दाहिने पैर की जांघ के पास ले जाएं |
3. दोनों हाथों को कंधों के समानांतर सीधे ऊपर उठाएं |
4. नमस्ते की मुद्रा में हाथों को जोड़ें |
5. सांस रोकें | थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें |
6. हाथों को नीचे लाते हुए सांस छोड़ें |
सावधानी: घुटनों के दर्द से परेशान लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए |
फ़ायदेः यह आसन एकाग्रता को बढ़ाता है |

पुर्वोत्तासन



1. दोनों पैरों को सामने की ओर सीधे फैलाकर बैठ जाएं | दोनों पैर आपस में मिले हुए हों |
2. दोनों हाथों को नितंबों के पीछे ले जाएं |
3. हथेलियों और एड़ियों के बल पर पूरे शरीर को उठाएं |
4. शरीर सीधा रखें | थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें |
5. फिर पूर्व अवस्था में लौट आएं |
सावधानीः लोअर बैक पेन से परेशान लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए |
फ़ायदेः यह आसन शरीर और मन को तनावमुक्त करता है 

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